भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 220
(लोक सेवक के प्राधिकार द्वारा विक्रय के लिए प्रस्थापित की गई संपत्ति का अवैध क्रय या उसके लिए अवैध बोली लगाना)
जो कोई संपत्ति के किसी ऐसे विक्रय में, जो लोक सेवक के नाते लोक सेवक के विधिपूर्ण प्राधिकार द्वारा हो रहा हो, किसी ऐसे व्यक्ति के निमित्त चाहे वह व्यक्ति वह स्वयं हो, या कोई अन्य हो, किसी संपत्ति का क्रय करेगा या किसी संपत्ति के लिए बोली लगाएगा, जिसके बारे में वह जानता हो कि वह व्यक्ति उस विक्रय में उस संपत्ति के क्रय करने के बारे में किसी विधिक असमर्थता के अधीन है या ऐसी संपत्ति के लिए वह आशय रख कर बोली लगाएगा कि ऐसी बोली लगाने से जिन बाध्यताओं के अधीन वह अपने आप को डालता है उन्हें उसे पूरा नहीं करना है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो दो सौ रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
अपराध का वर्गीकरण
सजा:-1 मास के लिए कारावास, या 200 रुपए का जुर्माना, या दोनों
अपराध:- असंज्ञेय
जमानत:- जमानतीय
विचारणीय:- कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नही किया जा सकता हैं।